Thursday, February 22, 2018

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के जनक अब्दुल कलाम आजाद

अबुल कलाम आजाद का जन्म 11 नवंबर 1988 को हुआ था। यह एक महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और साथ ही कवि, लेखक और पत्रकार भी थे। भारत की आजादी की लड़ाई में इन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने हमेशा हिंदू मुस्लिम एकता का संदेश दिया और यह हमेशा अलग पाकिस्तान निर्माण के खिलाफ थे। 1940 और 1945 के बीच भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे। अंग्रेजों के विरोधी होने के चलते इनको 3 साल जेल में भी बिताने पड़े। आजादी के बाद उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले से 1952 में सांसद चुने गए और देश के प्रथम शिक्षा मंत्री भी बने। यह आधुनिक शिक्षा वादी सर सैयद अहमद के विचारों से काफी प्रभावित थे। 1912 में अल हिलाल नाम से एक उर्दू पत्रिका प्रारंभ की।  इन का उद्देश्य मुसलमान युवकों को क्रांतिकारी आंदोलन के लिए उत्साहित करना और साथ ही हिंदू मुस्लिम एकता को बढ़ाना था। देश के शिक्षा मंत्री बनने के बाद संस्कृति को विकसित करने के लिए संगीत नाटक अकादमी, साहित्य अकादमी तथा ललित कला अकादमी जैसे संस्थान स्थापित किए। देश  में तकनीकी शिक्षा प्रारंभ करने का श्रेय भी इन्हीं को जाता है क्योंकि इन्ही के प्रयासों की बदौलत देश में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग जैसे संस्थान बन सके हैं।यह जलियांवाला बाग हत्याकांड का विरोध करने वाले नेताओं में से प्रमुख थे। इसके साथ ही अबुल कलाम आजाद ने  गांधी जी के साथ असहयोग आंदोलन में कदम से कदम मिला था। आज ही के दिन 22 फरवरी 1958 को अंग्रेजों का विरोध करने वाली यह आवाज हमेशा के लिए शांत हो गई।

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